Pm Vishwakarma Yojana Upsc | UPSC के लिए सम्पूर्ण Guide 2024 | Best Option Apply Now

Radhe Rojagar
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Pm Vishwakarma Yojana Upsc : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 17 सितंबर, 2023 को विश्वकर्मा जयंती के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना शुरू की गई थी। इस पहल का उद्देश्य देश भर के कारीगरों और शिल्पकारों के जीवन स्तर को बढ़ाना है। इस लेख में, हम योजना के सभी पहलुओं का पता लगाएंगे जो यूपीएससी परीक्षा के जीएस पेपर II के लिए प्रासंगिक हो सकते हैं।

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Objective of Pradhan Mantri Vishwakarma Yojana

Pm Vishwakarma Yojana Upsc का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और हस्तशिल्पियों को सरकारी सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर और सामाजिक रूप से पिछड़े समुदायों, विशेष रूप से अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के कारीगरों को मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया जाएगा। इसका लक्ष्य उनके उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता और बाजार तक पहुंच को बढ़ावा देना है, जिससे उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।


importance of planning | Pm Vishwakarma Yojana Upsc

भारत में कारीगरों और हस्तशिल्पियों की एक बड़ी संख्या है जो पारंपरिक कार्यों में संलग्न हैं। ये कारीगर मुख्य रूप से गैर-औपचारिक क्षेत्र में काम करते हैं और अपने परिवार के सदस्यों के साथ या छोटे समूहों में कार्य करते हैं। इस योजना के माध्यम से उन्हें आधुनिक उपकरण, कौशल उन्नयन, और विपणन समर्थन जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।


Traditional professions covered under the scheme

इस योजना में प्रारंभिक चरण में 18 पारंपरिक कार्यों को शामिल किया गया है। इनमें से कुछ प्रमुख कार्य हैं:

  1. बढ़ई (Carpenters)
  2. नाव निर्माता (Boat Makers)
  3. लोहार (Blacksmiths)
  4. सुनार (Goldsmiths)
  5. कुम्हार (Potters)
  6. मूर्तिकार (Sculptors)
  7. राजमिस्त्री (Masons)
  8. दर्जी (Tailors)
  9. धोबी (Washermen)
  10. जूते बनाने वाले (Cobblers)

Benefits of the scheme | Pm Vishwakarma Yojana Upsc

Pm Vishwakarma Yojana Upsc के तहत कारीगरों और हस्तशिल्पियों को निम्नलिखित लाभ प्रदान किए जाएंगे:

  1. पहचान और प्रमाणपत्र: योजना के तहत कारीगरों को पहचान पत्र और प्रमाणपत्र दिए जाएंगे, जो उन्हें इस योजना के अंतर्गत आने वाले सभी लाभों का पात्र बनाएंगे।
  2. कौशल उन्नयन: कारीगरों को उनकी मौजूदा कौशल को और बेहतर बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके तहत बुनियादी और उन्नत प्रशिक्षण शामिल होगा और प्रशिक्षण अवधि के दौरान उन्हें ₹500 प्रतिदिन का वजीफा मिलेगा।
  3. उपकरण प्रोत्साहन: कारीगरों को आधुनिक उपकरणों के लिए ₹15,000 तक की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
  4. क्रेडिट समर्थन: योजना के तहत, कारीगरों को बिना जमानत के ₹1 लाख (पहला चरण) और ₹2 लाख (दूसरा चरण) का ऋण 5% की रियायती ब्याज दर पर प्रदान किया जाएगा।
  5. डिजिटल लेन-देन प्रोत्साहन: डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए कारीगरों को प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।
  6. विपणन समर्थन: उत्पादों के विपणन और ब्रांडिंग के लिए कारीगरों को समर्थन प्रदान किया जाएगा, जिससे उन्हें स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचने में मदद मिलेगी।

Eligibility for the scheme | Pm Vishwakarma Yojana Upsc

Pm Vishwakarma Yojana Upsc के लिए पात्रता मानदंड निम्नलिखित हैं:

  1. पारंपरिक कार्य: केवल उन कारीगरों और हस्तशिल्पियों को योजना के तहत लाभ मिलेगा जो सूचीबद्ध पारंपरिक कार्यों में संलग्न हैं।
  2. उम्र सीमा: आवेदनकर्ता की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
  3. पिछले ऋण: पिछले 5 वर्षों में इसी तरह की किसी अन्य ऋण आधारित योजना के तहत ऋण नहीं लिया होना चाहिए, हालांकि MUDRA और SVANidhi लाभार्थी जिन्होंने अपने ऋण को पूरी तरह से चुका दिया है, वे आवेदन कर सकते हैं।
  4. परिवार के सदस्य: एक परिवार से केवल एक सदस्य ही इस योजना के लिए पंजीकृत हो सकता है।
  5. सरकारी कर्मचारी: सरकारी कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे।

Implementation and Administration of the Scheme

Pm Vishwakarma Yojana Upsc को तीन प्रमुख मंत्रालयों द्वारा संचालित किया जाएगा:

  1. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MoMSME): यह मंत्रालय इस योजना का नोडल मंत्रालय होगा।
  2. कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE): यह मंत्रालय कौशल उन्नयन और प्रशिक्षण की देखरेख करेगा।
  3. वित्तीय सेवाएं विभाग (DFS): यह विभाग ऋण समर्थन और वित्तीय समावेशन के कार्यों का प्रबंधन करेगा।

Plan duration and funding

यह योजना एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना होगी, जिसे भारत सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित किया जाएगा। इसके लिए प्रारंभिक बजट ₹13,000 करोड़ रखा गया है और इसे 5 वर्षों तक लागू किया जाएगा, जो कि 2027-28 तक चलेगा।


Social and economic impact of the scheme

Pm Vishwakarma Yojana Upsc का सामाजिक और आर्थिक प्रभाव कई स्तरों पर देखा जा सकता है:

  1. संस्कृति संरक्षण: यह योजना भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। यह पारंपरिक प्रथाओं, पीढ़ीगत कौशल और गुरु-शिष्य परंपरा को आगे बढ़ाने का काम करेगी।
  2. कारीगरों का सशक्तिकरण: योजना के तहत कारीगरों और हस्तशिल्पियों को व्यापक समर्थन मिलेगा, जो उन्हें अपने छोटे पैमाने पर उद्यमों को सफल बनाने में मदद करेगा।
  3. आधुनिकीकरण और औपचारिकता: इस योजना के कार्यान्वयन के माध्यम से, गैर-औपचारिक क्षेत्र में काम कर रहे कारीगरों को अपने कार्यों को आधुनिकीकरण करने और औपचारिक अर्थव्यवस्था में शामिल होने का मौका मिलेगा।
  4. समावेशिता और सशक्तिकरण: PM विश्वकर्मा योजना विशेष रूप से हाशिए पर रहने वाले और अल्पसंख्यक समूहों के सशक्तिकरण पर केंद्रित है। यह योजना अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों, ट्रांसजेंडर, पूर्वोत्तर राज्यों, द्वीप क्षेत्रों और पहाड़ी क्षेत्रों के निवासियों पर ध्यान केंद्रित करती है।
  5. सामाजिक सुरक्षा जागरूकता: योजना के तहत कारीगरों को विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभों के बारे में जागरूक किया जाएगा, जैसे कि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, अटल पेंशन योजना, और प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना।

Conclusion

Pm Vishwakarma Yojana Upsc भारत के कारीगरों और हस्तशिल्पियों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद करेगी बल्कि उनके पारंपरिक कार्यों को भी संरक्षित और प्रोत्साहित करेगी। इस योजना के माध्यम से, सरकार का उद्देश्य न केवल कारीगरों को आधुनिक उपकरण और प्रशिक्षण प्रदान करना है, बल्कि उन्हें औपचारिक अर्थव्यवस्था में शामिल करना और उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाना भी है।


यह ब्लॉग पोस्ट UPSC परीक्षार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण अध्ययन सामग्री हो सकती है, खासकर GS पेपर II के लिए। उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा।

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Devang एक अनुभवी कंटेंट लेखक हैं, जिनके पास 5 सालों का लेखन अनुभव है। वे Sarkari Yojana, Exam और Results के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखते हैं। उनके लेख स्पष्ट, सटीक और पाठकों के लिए बेहद उपयोगी होते हैं।
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